Wednesday, June 3, 2009

अनुराग आग्नेय के लिए

ये बैठे है इस इंतजार में
की एक दिन ख़त आएगा जरूर उनका इनके नाम
जिसमे सुर्ख रंग से लिखा होगा उन्होंने इनका नाम और मूद ली होंगी शर्म से अपनी ऑंखें
और वे भी बैठे हैं इस इंतजार में
की एक दिन जरूर आएगी इनकी पाती
जिसमे लिखा होगा इन्होने अपने दिल का हाल
एक मीठी शुरुआत , सपनो की बात
जीवन के रंग, अपनों का संग
दोनों ही बैठे रहे इंतजार में
न ख़त आया न पति
हाँ एमर जरुर बीत गई
बस जिन्दा रहा तो इंतजार और उम्मीद
और उम्मीद है तो जीवन है , फूल है , रंग है , खुशियाँ है ..........

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