कल कुछ आदमी आम से खास हुए
मंत्री बने , लाल बत्ती मिली
ढोल नगाड़े बजे , काफिले सड़कों पे दौड़े
गाँव में पंडाल सजे
मुर्गा भात की दावत सजी
पुराने नीम के पेड़ ने मुस्कुराकर पूछा
बाबा मेरी गोद में नहीं आओगे
कुछ ने सुना ही नहीं
बाहें फैले नीम सूनी बाहें लिए खड़ा रहा
आँगन का सेमल बरसाता रहा फूल
बेटा गाँव में आया है बड़ा आदमी बनकर
कुछ हमारा भला होगा कुछ गाँव का
दुसरे दिन फरमान आया
आँगन के सेमल , द्वार के नीम को काट दो
अब मंत्री जी को पेड़ की नहीं एसी की जरूरत है
जब नया पद , नई कोठी
तब....... पुराने नीम और सेमल की क्या जरुरत .
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