कहानी
काश
कहानी इतनी छोटी होती
की उसे समेट सकती एक जिंदगी में ,
एक ज़िंदगी जो मुस्कान सी अनोखी
किलकारी सी मासूम और बच्चे सी नाजुक है
काश
कहानी इतनी लम्बी होती
की रख पाती उसे पास
जिससे नाप सकती पूरी धरती
पर कहानी तो कहानी है
जो जरुरत पड़ने पर चुक जाती है
और जरुरत न होने पर ख़त्म ही नहीं होती .
1 comment:
कहानी जिंदगी नहीं बन पाती ... उसे खुद ही नापना होता है ...
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