जरुरी है एक राष्ट्र का जिन्दा रहना
रासायनिक विध्वंश के
मुहाने पर खड़ा दमिश्क़
जाने कब महाबली
अमेरिका की गिरफ्त में आ जाये ,
उसकी सारी ताकतें हो
जाएँ नेस्तनाबूत
रोमांटिक कहानियों
का नगर;
लिखने को मजबूर हो
जाये भय , नफरत और जुल्म के अध्याय
सीरिया के गाँवो के
बच्चे
जाने कब हो जाएँ
अनाथ,
उनकी खिलंदड टोलियाँ
;
कब कुचल जाएँ
अमेरिकी सैनिकों के बूटों के नीचे
इस थोड़े से वक्त में;
आओ हम करें कुछ ऐसा
कि रासायनिक हथियार
गाने लगें प्रेम के गीत,
जैसे उन्हें बनाने
वालों के दिलों में भरी थीं रागात्मक भावनाएं,
जैसे ओबामा का दिल
तडपता है अपनी दोनों बेटियों के लिए,
कुछ हो जाये ऐसा की
युद्ध की सारी बातें,
बदल जाएँ नेल्सन
मंडेला के शब्दों में ,
युद्ध के तेवर बदल
जाये गाँधी की अहिंसा धुन में
बच्चे आज़ाद रहें
हमेशा और नापते रहें आकाश परिंदों की तरह;
आओ हम किसी तरह से
बचा लें दमिश्क़ को
और सीरिया अपने
मौलिक रूप में मुस्कुराता रहे
बिना डरे , बिना
झुके अनवरत .
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