Saturday, July 18, 2009

मंहगाई

दाल मंहगी है
आटा मंहगा है
सब्जी मंहगी है
तेल मंहगा है
इस देश में सब कुछ मंहगा है
बस सस्ता है तो इन्सान
और इन्सान का खून.

Friday, July 3, 2009

सच

वे कहते हैं की तुम अच्छी हो

बहुत अच्छी हो

तुम्हारे होने से जिंदगी जिंदगी लगती है

वे कहते है

कि तुमने मुझे जीने की राह दिखाई

वे बहुत कुछ अच्छा , मीठा , प्यारा , सुनहरा, दीवानगी से भरा

कहते है , कहते रहते है

लेकिन उनकी ऑंखें कुछ नही कहती!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

ऑंखें अबोली भाषा बोलती है

ऑंखें सच कहती है

वे कहते हैं मेरी ऑंखें पढो

तुम्हे सच दिखेगा

मुझे सच दीखता है

पर ऐसा सच जो उन्हें झूठा बनाता है

शाम

एक खुबसूरत शाम
अपनों के नाम
जिसमे है चाँद , फूल,खुशबू, बारिश और वे एहसास
जो देते है खुशियाँ , मोहब्बते और उम्मीद
कि रात आने वाली है
जो अपने जाने के पहले एक सुबह जरुर देकर जायेगी
आओ इस शाम का स्वागत करे