Monday, November 30, 2009
samwedanheen
एक औरत जब खड़ी होती है सरेबाजार नंगी
तो लोगों के मन में संवेदना नही ! वासना जागती है
भले ही वह हो विक्षिप्त ,
उसका तन , मन या दिमाग न देता हो उसका साथ
या गरीबी के कारन मुहैया न हो उसे पूरे kapade
तो लोगों के मन में संवेदना नही ! वासना जागती है
भले ही वह हो विक्षिप्त ,
उसका तन , मन या दिमाग न देता हो उसका साथ
या गरीबी के कारन मुहैया न हो उसे पूरे kapade
Saturday, November 21, 2009
दुम हिलाता कानून
कभी गर थाने जाना
न्याय का जनाजा अपने सर लाना
कल जो था मुजरिम
आज वही खुले आम घूमता है
और न्याय खोजने वाला दर दर भटकता है ।
"पैसा फेको तमाशा देखो " का बोर्ड कर दो चस्पा हर पुलिस स्टेशन के ऊपर
पैसा मदारी है और वर्दी में छुपा है जमूरा
पैसा जो दिखाएगा , जमूरा वही देखेगा
इमानदारी हवालात में बंद है और पैसे के हाथ में है चाभी
दोस्तों !
न्याय मागोगे अन्याय मिलेगा
पैसा फेकोगे कानून दुम हिलाएगा .
न्याय का जनाजा अपने सर लाना
कल जो था मुजरिम
आज वही खुले आम घूमता है
और न्याय खोजने वाला दर दर भटकता है ।
"पैसा फेको तमाशा देखो " का बोर्ड कर दो चस्पा हर पुलिस स्टेशन के ऊपर
पैसा मदारी है और वर्दी में छुपा है जमूरा
पैसा जो दिखाएगा , जमूरा वही देखेगा
इमानदारी हवालात में बंद है और पैसे के हाथ में है चाभी
दोस्तों !
न्याय मागोगे अन्याय मिलेगा
पैसा फेकोगे कानून दुम हिलाएगा .
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