Sunday, March 13, 2011

होली में न आने का न्योता

आना नहीं आना नहीं आना नहीं भाई
मजबूरी है पसरी घर में आना नहीं भाई
थाली में अब खाना नहीं है आना नहीं भाई
पीने को अब पानी नहीं है घर न आना  भाई
जेब  हमारी रुखी सूखी हाथ नहीं है धेली
मंहगाई  की आफत आई कैसे मनाएं होली
सुख के रंग हो गए फीके, दुख के रंग चपल हैं
ख़ुशी भरी आँखों में भाई, दुख के अश्रु भरे है.
गुझिया में अब खोया नहीं, होगी केवल हवा
चीनी की है किल्लत घर में, नहीं बनेगा हलवा.
चाय बन रही काली काली, दूध  हो गया मंहगा  
बासी कपड़ों से कम चलाओ नया न मागो लंहगा
रंग लगाने की बारी में टीका सिर्फ लगाओ
सिर्फ गले मिलकर ही भैया , होली में कम चलाओ.




Monday, March 7, 2011

आज के दिन की असीम शुभकामनायें

आज  का दिन मस्ती और धमाल का दिन है . क्या कहते हो दोस्तों ! आज का दिन अपना दिन है और अपने अपनों का दिन है. अंतर्राष्ट्रीय  महिला दिवस . महिलाओं के वजूद और उनकी अहमियत की मान्यता का दिन . महिलाओं के कर्तव्यों के साथ उनके अधिकारों का दिन. जी हाँ ! आज का दिन मतलब  उल्लास का दिन.
हजार जख्म सहकर मुस्कुराने का दिन नहीं , मुक्ति के सपने को यथार्थ में बदलने का दिन !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
लेकिन सिर्फ आज का दिन ही क्यों??????????????
क्या हर  दिन आज के दिन जैसा नहीं हो सकता ?????????
हो सकता है ......... और हम इसे कर के दिखायेंगे.
यही  है आज के दिन का संकल्प .
इस संकल्प में हमारे साथी हमारे साथ होंगे............ इसी विश्वास के साथ आज के दिन की असीम शुभकामनायें.