Monday, September 21, 2009

देश का हाल

एक दिन एक गाँव में एक आदमी ने अपने परिचय में कहा " मै इस गाँव का मालिक ......... पंचायत सेवक हू। वैसे यंहा का सारा कुछ मै ही देखता हुगाँव कस लोगों को कुछ नही मालूम होता है। ये तो गरीबी रेखा में नाम होते हुए भी इंदिरा आवास लेने नही आते। ये क्या जाने सरकार के काम। इसीलिए तो हमारे देश का यह हाल है। "

दोस्तों

देश का यह हाल सरकारी लोगों के इस नजरिये के कारन है या गाँव के गरीब लोगों के कारन। आप के सुझाव आमंत्रित है.

Tuesday, September 1, 2009

दोस्त और दुश्मन

दोस्त और दुश्मन में अन्तर मत कर
क्या पता आज का दोस्त कल दुश्मन बन जाय
और दुश्मन दोस्ती का हाथ बढाये
बस तैयार रहो आज और कल से निपटने का
क्योंकि यह सब समय का खेळ है
और हम समय के हाथ की kathputaliyan

Gulab

1
प्रिय क्या तुम भेज सकते हो एक गुलाब
और वादा कर सकते हो मुझसे
इसके कभी भी न मुरझाने का

तुमने कुछ लाल गुलाब भेजे थे
मेरी किताबो में अभी भी जिन्दा है उनकी पंखुडियां
और हाँ........... उनकी खुशबू bhi
पर तुम्हारे संदेश kyon मुरझा गए


कागज की कश्तियों से समंदर पर नही किया जाता
झूठे ख्वाबों से गुलशन आबाद नही किया जाता
प्यार तो एक धर्म है , पूजा है , विश्वास है
सिर्फ गुलाबों से इस पर एतबार नही किया जाता