Saturday, November 21, 2009

दुम हिलाता कानून

कभी गर थाने जाना
न्याय का जनाजा अपने सर लाना
कल जो था मुजरिम
आज वही खुले आम घूमता है
और न्याय खोजने वाला दर दर भटकता है ।
"पैसा फेको तमाशा देखो " का बोर्ड कर दो चस्पा हर पुलिस स्टेशन के ऊपर
पैसा मदारी है और वर्दी में छुपा है जमूरा
पैसा जो दिखाएगा , जमूरा वही देखेगा
इमानदारी हवालात में बंद है और पैसे के हाथ में है चाभी
दोस्तों !
न्याय मागोगे अन्याय मिलेगा
पैसा फेकोगे कानून दुम हिलाएगा .

2 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

इस कानून के तो दुम भी नहीं है।

M VERMA said...

न्याय मागोगे अन्याय मिलेगा
पैसा फेकोगे कानून दुम हिलाएगा .
स्थिति तो यही है